This course is designed to practice and learn the ancient tradition of chanting and to understand the devotional and spiritual beauty of Jain stotra-s. It offers a unique blend of precise Sanskrit pronunciation, meaningful recitation, and a basic understanding of select daily-chanting Jain stotra-s such as Darshan-Patha, Adyashtaka-Stotram, Mahaveerashtaka-Stotram and Suprabhata-Stotram. Guided by Dr. Leena Doshi, this course will help you connect spiritually with the timeless Jain tradition. यह पाठ्यक्रम प्राचीन जैन स्तोत्रों की पठन परंपरा को समझने और सीखने के लिए बनाया गया है । भक्ति और आध्यात्मिकता को जानने पर विशेष ध्यान दिया गया है । इसमें दर्शन-पाठ, आद्याष्टक-स्तोत्र, महावीराष्टक-स्तोत्र और सुप्रभात-स्तोत्र जैसे मुख्य दैनिक स्तोत्रों का शुद्ध उच्चारण, भावपूर्ण शास्त्रशुद्ध पाठ सिखाया जाएगा और सरल भाषा में अर्थ समझाया जाएगा । यह पाठ्यक्रम, डॉ. लीना दोशी के मार्गदर्शन में जैन परंपरा से आत्मिक रूप से जुड़ने में मदद करेगा।
What will you gain from this course? (Key Benefits / Learning Outcomes)
चातुर्मास के पवित्र समय में भक्ति को गहरा करने की एक सुंदर शुरुआत ।
संस्कृत के शुद्ध उच्चारण में सुधार और आत्मविश्वास के साथ पाठ करना सीखना ।
चार मुख्य स्तोत्रों का सरल अर्थ और उनका महत्व समझना ।
जैन परंपराओं की भक्ति और आध्यात्मिकता को समझकर जीवन को संतुलित और शांत बनाना ।
भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के दर्पण रूप में जैन स्तोत्रों की पहचान, जो आत्मा, परिवार, समाज, राष्ट्र और विश्व को शांति की ओर प्रेरित करती है |
हर श्लोक को दोहराने और अभ्यास करने का मौका, जिससे स्तोत्र-पाठ अच्छे से याद हो जाए और स्तोत्र-पाठ का जीवंत और प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त कर सकेंगे ।
What are the materials/support you get?
इस पाठ्यक्रम में आपको क्या-क्या मिलेगा?
विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया पाठ्यक्रम – प्रामाणिक एवं गहन अध्ययन हेतु विद्वानों एवं विषय विशेषज्ञों द्वारा सावधानीपूर्वक तैयार और जांचा गया सुव्यवस्थित पाठ्यक्रम ।
रिकॉर्डिंग्स की उपलब्धि – कोई कक्षा छूट गई हो या पुनः अभ्यास करना हो, सभी सत्रों की रिकॉर्डिंग्स और पाठ्यसामग्री कभी भी, अपनी गति से देखें।
सीधी, संवादात्मक कक्षाएँ – लाइव ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से गुणवत्ता युक्त शिक्षा, जहाँ प्रश्न पूछने, चर्चा करने और जिज्ञासा प्रकट करने को प्रोत्साहन मिलता है।
What are the prerequisites to get the best out of this course? (Eligibility)
इस पाठ्यक्रम के लिए क्या पात्रता आवश्यक है?
जैन भक्ति और आध्यात्मिक परंपरा के प्रति श्रद्धा और रुचि रखने वाला 8 से 80 वर्ष तक कोई भी जुड़ सकता है । उम्र की कोई सीमा नहीं | शुरुआत करने वालों के लिए भी यह पाठ्यक्रम आसान और समझने में सरल है | इसलिए संस्कृत का पहले से ज्ञान होना ज़रूरी नहीं है ।
पाठ्यक्रम के बारे में अधिक जानें
इस पाठ्यक्रम में स्तोत्र-पाठ की शुरुआत और अंत णमोकार मंत्र से होगी, जो हमारे अंदर शांति लाता है और मन तथा आत्मा को एकाग्र करके अभ्यास को प्रभावी बनाता है ।
Each session includes live chanting, opportunities for repetition, and explanation of the verses on-screen to aid memory and understanding.
पाठ्यक्रम
इस पाठ्यक्रम में चार महत्वपूर्ण जैन स्तोत्रों को शामिल किया गया है, जो कई श्रावकों की दैनिक पूजा का हिस्सा हैं। प्रत्येक स्तोत्र को शुद्ध उच्चारण, पाठ का अभ्यास, और उसका सरल अर्थ (हिंदी और अंग्रेज़ी में) समझाते हुए सिखाया जाएगा । पाठ्यक्रम में शामिल हैं:
• दर्शन-पाठ (13 श्लोक): यह एक प्रार्थना है जो आध्यात्मिक दृष्टि के लिए की जाती है। इसे परंपरागत रूप से मंदिर में प्रवेश करते समय और तीर्थंकरों की मूर्तियों के दर्शन करते समय पढ़ा जाता है।
• आद्याष्टक स्तोत्र (11 श्लोक): तीर्थंकरों को समर्पित यह स्तोत्र प्रार्थना और भक्ति से जुड़ने में मदद करता है।
• महावीराष्टक स्तोत्र (8 श्लोक): श्री भागेंदुजी द्वारा रचित यह स्तोत्र भगवान महावीर (24वें तीर्थंकर) की स्तुति में है, जो शक्ति और भक्ति से भरपूर है।
• सुप्रभात स्तोत्र (16 श्लोक): यह सुबह पढ़ा जाने वाला स्तोत्र है, जिसमें सभी 24 तीर्थंकरों की प्रार्थना की जाती है। और दिन को अच्छा शुरू करने में मदद करता है।
हर सत्र में लाइव पाठ (chanting), दोहराने का अभ्यास करने का अवसर, और श्लोकों का अर्थ स्क्रीन पर दिखाई देगा, जिससे याद रखने और समझने में मदद मिलेगी ।
क्या मुझे प्रमाणपत्र मिलेगा?
हाँ। पाठ्यक्रम के अंत में एक पाठ (chanting) परीक्षा होगी। यदि आप इस मूल्यांकन में 60% या उससे अधिक अंक प्राप्त करते हैं, तो आपको व्योमा लॅब्स की ओर से ई-प्रमाणपत्र मिलेगा ।